tag:blogger.com,1999:blog-31753266295750300412024-02-07T05:33:59.163-08:00सतपुड़ावादियां कुछ कहती हैं...shailendrahttp://www.blogger.com/profile/07103964940311063652noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-3175326629575030041.post-41607785026542804292009-11-28T08:34:00.000-08:002009-11-29T00:48:45.114-08:00ओबामा के पकवानों ने मन मोहा<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi2jWTJ8_diUSbtsEc321-XNfvOabhclB5dH_NsvUtqI0E-itd_3dWht8hKhA7klxBtWw98WALXLBhm6LbgmsDhRXOif4J5zMl_3Mcu2N_jgPUdQvh7JemuG3G4T5v-aE3Hz_ZCfsWopxfS/s1600/manmohan.bmp"><img style="float:right; margin:0 0 10px 10px;cursor:pointer; cursor:hand;width: 200px; height: 150px;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi2jWTJ8_diUSbtsEc321-XNfvOabhclB5dH_NsvUtqI0E-itd_3dWht8hKhA7klxBtWw98WALXLBhm6LbgmsDhRXOif4J5zMl_3Mcu2N_jgPUdQvh7JemuG3G4T5v-aE3Hz_ZCfsWopxfS/s200/manmohan.bmp" border="0" alt=""id="BLOGGER_PHOTO_ID_5409197816670613138" /></a><br />हम भारतीय भी बड़े भोले होते हैं..प्यार के दो बोल और पेट भर खाना ...हमें जीतने के लिए बस इतना ही काफी है..हमारे प्रधानमंत्री भी दुनिया भर में ओबामा के भोज की तारीफ करके अपने भारतीय होने का पक्का सबूत दे रहे हैं..पकवानों की मिठास ने उनके मुंह में ऐसा कब्जा जमा लिया है की वे पाकिस्तानी दहशतगर्दो और चीनी हिमाकत के खट्टेपन को ही भूल गए हैं ...दुनिया पर राज कर रहा चतुर अमेरिका ये भलीभांति जानता है की भारत को थोड़े में ही संतुष्ट किया जा सकता है ..हमें जिम्मेदार मुल्क और स्वाभाविक दोस्त बता कर ओबामा ने बड़ी चतुराई से उन सुलगते मुद्दों को हवा नहीं दी ..जो उसके दोगलेपन की पोल खोल सकते हैं...दोगले तो हम भी कम नहीं हैं...एक तरफ दुनिया की महाशक्ति बनने का सपना देखते हैं और दूसरी तरफ हर मुद्दे कुटिल अमेरिका का साथ चाहते हैं ...अमेरिका के किसी एक अधिकारी का पाकिस्तान के खिलाफ दिया गया छोटा मोटा बयान ही हमें खुश कर जाता है...अमेरिका के दौरे पर गए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कहीं से भी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रतिनिधि नजर नहीं आए...मनमोहन सिंह को ओबामा के दरबार की आवभगत का बखान छोड़ ये बताना चाहिए की उन्होंने आतंकवाद के मुद्दे पर अमेरिका के दोहरे मापदंड के बारे बातचीत की या नहीं<br />शैलेंद्र सिंह राजपूतshailendrahttp://www.blogger.com/profile/07103964940311063652noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-3175326629575030041.post-9423961886319434262009-11-21T08:28:00.000-08:002009-11-21T08:54:37.032-08:00फिर लगी द्रोपदी दांव पर...<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiavVBVfwSOvY8MoW7CuL-MAb_04PW3qkIjKcvHRk9jCgQ78jwu3mojxI6CLkWcd53unqF9TGf-c5QREo73tiYwwiaqSJ61oDovk3RbJbvsIaFvOxjOE4XK_KZL6XF6QQWIUqZGMwsHLIxm/s1600/shivsena.jpg"><img style="float:right; margin:0 0 10px 10px;cursor:pointer; cursor:hand;width: 200px; height: 158px;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiavVBVfwSOvY8MoW7CuL-MAb_04PW3qkIjKcvHRk9jCgQ78jwu3mojxI6CLkWcd53unqF9TGf-c5QREo73tiYwwiaqSJ61oDovk3RbJbvsIaFvOxjOE4XK_KZL6XF6QQWIUqZGMwsHLIxm/s200/shivsena.jpg" border="0" alt=""id="BLOGGER_PHOTO_ID_5406600204455662034" /></a><br /><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhtyhrBVOSUp-zsXyXdHRZD6lolsYwhUQCsw1EVSKqPOi2AMWI4R67v66PLuEUoZ1Vzh5qXRcWZcGEhUGASDm5Xoijy-6XB7t5Ihb2P08plS63w1yFWGRfPJUSvqhnjAyaVSOFZnIjuvnhU/s1600/shiv.jpg"><img style="float:right; margin:0 0 10px 10px;cursor:pointer; cursor:hand;width: 200px; height: 150px;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhtyhrBVOSUp-zsXyXdHRZD6lolsYwhUQCsw1EVSKqPOi2AMWI4R67v66PLuEUoZ1Vzh5qXRcWZcGEhUGASDm5Xoijy-6XB7t5Ihb2P08plS63w1yFWGRfPJUSvqhnjAyaVSOFZnIjuvnhU/s200/shiv.jpg" border="0" alt=""id="BLOGGER_PHOTO_ID_5406599293477454850" /></a><br />भारत में एक और महाभारत चल रहा है..राजनीति की बिसात पर नेताओं ने लोकतंत्र रूपी द्रोपदी को दांव पर लगा दिया है...शिवसेना और एमएनएस के दुशासन खुलेआम लोकतंत्र का वस्त्रहरण कर रहे हैं और नेता बैठे बैठे देख रहे हैं ...ये नेता बोलें भी तो कैसे वोट के लालच में उन्होंने ही तो द्रोपदी को हारा है....अब बेलगाम गुंडे लोगतंत्र को नंगा करके अपनी जंघा पर बैठाने पर आमादा हैं ...महाराष्ट्र विधान सभा में पहले एमएनएस का हंगामा और फिर आईबीएन लोकमत चैनल के दफ्तर पर शिवसेना का हमला ...ये दोनों घटनाएं दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए शर्मसार कर देने वाली हैं...लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर मुठ्ठी भर गुंडे कैसे हमारी पूरी व्यवस्था पर हावी हो जाते हैं ... दरअसल ये सब कुछ उन रीढ़ वीहिन नेताओं की कायरता के चलते हो रहा है जो सत्ता के लालच में अंधें घृतराष्ट्र बन गए हैं ... आज वस्त्रहीन हो रहे लोकतंत्र को जरूरत है उस कृष्ण की जो उसे सरेआम नंगा होने से बचा सके ...लेकिन ये कृष्ण आसमान से नहीं उतरने वाला...अब हमें ही कृष्ण बनना होगा ...लोकतंत्र की लाज बचाने की ताकत हममें और आप में ही है ...और वो ताकत है वोट की ... क्या महाराष्ट्र की जनता मेरे इस दर्द को पढ़ रही है?<br />शैलेंद्र सिंह राजपूतshailendrahttp://www.blogger.com/profile/07103964940311063652noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-3175326629575030041.post-58978996617340208982009-11-16T07:14:00.000-08:002009-11-16T07:55:35.449-08:00बेलगाड़ी का कुत्ता...<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhggPJCJW_rXQ8jiymw-JOQnRHSGmPcrmA78YrFQ098bG9DEmVtUp-9Wt8u7b958AFSY93Nlqrg55HFiDbhB36CDOPv7WtQs4bwLcEkQJfgpb0eobzPeUMTaTEJyaKI5j_yi8Y0Lk0dbK2l/s1600/balala.jpg"><img style="float:right; margin:0 0 10px 10px;cursor:pointer; cursor:hand;width: 200px; height: 148px;" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhggPJCJW_rXQ8jiymw-JOQnRHSGmPcrmA78YrFQ098bG9DEmVtUp-9Wt8u7b958AFSY93Nlqrg55HFiDbhB36CDOPv7WtQs4bwLcEkQJfgpb0eobzPeUMTaTEJyaKI5j_yi8Y0Lk0dbK2l/s200/balala.jpg" border="0" alt=""id="BLOGGER_PHOTO_ID_5404730631309470274" /></a><br />बेलगाड़ी नीचे चलते कुत्ते को अक्सर ये गलतफहमी हो जाती है की वो ही पूरी गाड़ी खींच रहा है ...बाल ठाकरे भी सालों से कुछ ऐसी ही गलतफहमी पाले हुए हैं ..उन्हें लगता है मराठी अस्मिता की गाड़ी उन्हीं के भरोसे खिच रही है...दअसल सचिन तेंदुलकर को सिर्फ क्रिकेट खेलने की सलाह देने वाले बाल ठाकरे खुद सियासत की पिच से लगभग आउट हो चुके हैं ...और उन्हें आउट करने वाला उनका ही पाला हुआ वो भतीजा है जिसे उन्होंने वो गलतफहमी विरासत में दी है जिसके मुताबिक मराठी अस्मिता की रक्षा का ठेका उन्हीं के खानदान के पास है...दरअसल चाचा भतीजे की आपसी लड़ाई में पूरी मुंबई या कहे पूरा देश परेशान है ... <br />बेलगाड़ी के नीचे चलने वाले कुत्ते की गलतफहमी तभी दूर होती है जब वो गाड़ी की छांव से निकलकर बाहर आता है ...कुछ कुत्ते तो अपने आप ही बेलगाड़ी के नीचे से निकल आते हैं लेकिन कुछ को पत्थर मार कर बाहर निकालना होता है ...क्यों की कुत्ते की हरकते कई बार गाड़ी खीचने वाले बेलों का बिदका देती है...मराठी अस्मिता की गाड़ी खीचने वाले बेल बिदके उससे पहले किसी न किसी को पत्थर उठाना ही होगा ...नहीं तो राजमार्ग पर दौड़ने वाली ये गाड़ी ऐसे गड्ढे में गिरेगी जहां से उसे निकाल पाना मुश्किल होगा... <br />शैलेंद्र सिंह राजपूतshailendrahttp://www.blogger.com/profile/07103964940311063652noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-3175326629575030041.post-71075811278367694322009-11-15T05:01:00.000-08:002009-11-15T07:05:29.851-08:00यहां डर बिकता है...<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg2AII1elQ5UFOgsCloCbRwKXJb9R_vTwqvtd5xGGI43OxKjlyKHSU4TdzE0xmioRgt8uZ4eaBmVeOkw2jb1Lw0dBJfO0NPGMdXal4URnyrnO8c3Rq7Oru1Jt-Wztqtl28VviUfuRpJgRVB/s1600-h/2012-Doomsday1.jpg"><img id="BLOGGER_PHOTO_ID_5404346320835375554" style="FLOAT: right; MARGIN: 0px 0px 10px 10px; WIDTH: 154px; CURSOR: hand; HEIGHT: 200px" alt="" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg2AII1elQ5UFOgsCloCbRwKXJb9R_vTwqvtd5xGGI43OxKjlyKHSU4TdzE0xmioRgt8uZ4eaBmVeOkw2jb1Lw0dBJfO0NPGMdXal4URnyrnO8c3Rq7Oru1Jt-Wztqtl28VviUfuRpJgRVB/s200/2012-Doomsday1.jpg" border="0" /></a><br /><div>21 दिसबंर 2012 को...<br />आसमान से बरसेगी आफत..<br />समुद्र में उठेंगी तबाही की लहरें...<br />गगनचुंबी इमारतें हो जाएंगी जमीदोज..<br />एक जलजला हिला देगा पूरी धरती को...<br />चारो ओर छाएगा अंधेरा...<br />घबराइए नहीं ....ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला है ...ज्यादातर वैज्ञानिकों की माने तो ये कोरी अफवाह है जो जानबूझ कर फैलाई जा रही है ..ऐसा करके कुछ लोग अपना हित साधना चाहते हैं ..दरअसल ये पूरा मामला कारोबार का है ..ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में सब कुछ बिकाऊ है...लिहाजा डर को भी बेचा जा रहा है ..बस यू समझ लीजिए की 21 दिसंबर 2012 को दुनिया के खत्म होने की अफवाह उस एड कैंपैन का एक हिस्सा था जो एक फिल्म को बेचे जाने के लिए चलाया गया ..ये सिर्फ एक इत्तेफाक नहीं है कि 21 दिसबंर 2012 को दुनिया खत्म होने की अफवाह फैलेन के तुरंत बाद ही बिल्कुल उसी कथानक की एक फिल्म प्रदर्शित की गई ...1000 करोड़ लागत की ये फिल्म एक साथ दुनिया के 80 देशों में रीलीज की गई...जरा सोचिए एक साथ 80 देशों में किसी फिल्म का प्रमोशन कैसे किया जा सकता था ..लिहाजा रहस्य रोमांच और डर की चासनी में लपेट कर एक अफवाह गढ़ी गई...और देखते ही देखते पूरी दुनिया माया सभ्यता और उसके रहस्मयी केलैंडर के बारे में जानने लगी...और जब 13 नवंबर को फिल्म रीलीज हुई तो दुनिया भर के बॉक्स आफिसों पर धमाल मच गया ..दरअसल ग्लोबलाइजेशन के इश दौर में बजार का एक लोकप्रिय फंडा है ...जिसके मुताबिक जो दिखता है वो बिकता है...जिसकी चर्चा नहीं है वो शोकेस में ही रखा रह जाएगा...शायद यही वजह की बालीवुड में भी बड़े बजट की फिल्म आने से पहले किसी विवाद को जानबूझ कर हवा दी जाती है ....21 दिसंबर 2012 के दिन जो होगा वो होगा ..लेकिन इतना तय है की आज से कुछ सालों बाद किसी मैनेजमेंट संस्थान के छात्रों को फिल्म 2012 के शानदार प्रमोशन कैंपेन के बारे में पढ़ाया जा रहा होगा और उसमें उस अफवाह की भी जिक्र होगा जिसे सच साबित करने के लिए कुछ वैज्ञानिक भी जी जान से लगे हुए हैं ..और हो सकता है जल्द ही बालीवुड का कोई निर्माता बिल्कुल इसी कथानक की कोई फिल्म लेकर आए क्योंकि बाजार के महौल का फायदा हर चतुर व्यापारी उठाना चाहता है<br /><strong>शैलेंद्र सिंह राजपूत </strong></div>shailendrahttp://www.blogger.com/profile/07103964940311063652noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-3175326629575030041.post-52978951844829118802009-10-04T01:33:00.001-07:002009-10-04T01:44:15.732-07:00shailendrahttp://www.blogger.com/profile/07103964940311063652noreply@blogger.com0