Sunday, November 15, 2009

यहां डर बिकता है...


21 दिसबंर 2012 को...
आसमान से बरसेगी आफत..
समुद्र में उठेंगी तबाही की लहरें...
गगनचुंबी इमारतें हो जाएंगी जमीदोज..
एक जलजला हिला देगा पूरी धरती को...
चारो ओर छाएगा अंधेरा...
घबराइए नहीं ....ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला है ...ज्यादातर वैज्ञानिकों की माने तो ये कोरी अफवाह है जो जानबूझ कर फैलाई जा रही है ..ऐसा करके कुछ लोग अपना हित साधना चाहते हैं ..दरअसल ये पूरा मामला कारोबार का है ..ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में सब कुछ बिकाऊ है...लिहाजा डर को भी बेचा जा रहा है ..बस यू समझ लीजिए की 21 दिसंबर 2012 को दुनिया के खत्म होने की अफवाह उस एड कैंपैन का एक हिस्सा था जो एक फिल्म को बेचे जाने के लिए चलाया गया ..ये सिर्फ एक इत्तेफाक नहीं है कि 21 दिसबंर 2012 को दुनिया खत्म होने की अफवाह फैलेन के तुरंत बाद ही बिल्कुल उसी कथानक की एक फिल्म प्रदर्शित की गई ...1000 करोड़ लागत की ये फिल्म एक साथ दुनिया के 80 देशों में रीलीज की गई...जरा सोचिए एक साथ 80 देशों में किसी फिल्म का प्रमोशन कैसे किया जा सकता था ..लिहाजा रहस्य रोमांच और डर की चासनी में लपेट कर एक अफवाह गढ़ी गई...और देखते ही देखते पूरी दुनिया माया सभ्यता और उसके रहस्मयी केलैंडर के बारे में जानने लगी...और जब 13 नवंबर को फिल्म रीलीज हुई तो दुनिया भर के बॉक्स आफिसों पर धमाल मच गया ..दरअसल ग्लोबलाइजेशन के इश दौर में बजार का एक लोकप्रिय फंडा है ...जिसके मुताबिक जो दिखता है वो बिकता है...जिसकी चर्चा नहीं है वो शोकेस में ही रखा रह जाएगा...शायद यही वजह की बालीवुड में भी बड़े बजट की फिल्म आने से पहले किसी विवाद को जानबूझ कर हवा दी जाती है ....21 दिसंबर 2012 के दिन जो होगा वो होगा ..लेकिन इतना तय है की आज से कुछ सालों बाद किसी मैनेजमेंट संस्थान के छात्रों को फिल्म 2012 के शानदार प्रमोशन कैंपेन के बारे में पढ़ाया जा रहा होगा और उसमें उस अफवाह की भी जिक्र होगा जिसे सच साबित करने के लिए कुछ वैज्ञानिक भी जी जान से लगे हुए हैं ..और हो सकता है जल्द ही बालीवुड का कोई निर्माता बिल्कुल इसी कथानक की कोई फिल्म लेकर आए क्योंकि बाजार के महौल का फायदा हर चतुर व्यापारी उठाना चाहता है
शैलेंद्र सिंह राजपूत

2 comments:

  1. tulsi bharose ram ke nirbhay hokar soye,anhoni honi nahi honi ho so hoye. narayan narayan

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  2. Halanki sabako maloom hai ki esa kuch nahin hone vala aur hamane to filmankan dekhne ke liye film bhi dekh li hai. Par satya yahi hai ki jo bechoge vahi bikegaa.

    sKhair, wagat va shubhkamanaein.

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