Monday, November 16, 2009

बेलगाड़ी का कुत्ता...


बेलगाड़ी नीचे चलते कुत्ते को अक्सर ये गलतफहमी हो जाती है की वो ही पूरी गाड़ी खींच रहा है ...बाल ठाकरे भी सालों से कुछ ऐसी ही गलतफहमी पाले हुए हैं ..उन्हें लगता है मराठी अस्मिता की गाड़ी उन्हीं के भरोसे खिच रही है...दअसल सचिन तेंदुलकर को सिर्फ क्रिकेट खेलने की सलाह देने वाले बाल ठाकरे खुद सियासत की पिच से लगभग आउट हो चुके हैं ...और उन्हें आउट करने वाला उनका ही पाला हुआ वो भतीजा है जिसे उन्होंने वो गलतफहमी विरासत में दी है जिसके मुताबिक मराठी अस्मिता की रक्षा का ठेका उन्हीं के खानदान के पास है...दरअसल चाचा भतीजे की आपसी लड़ाई में पूरी मुंबई या कहे पूरा देश परेशान है ...
बेलगाड़ी के नीचे चलने वाले कुत्ते की गलतफहमी तभी दूर होती है जब वो गाड़ी की छांव से निकलकर बाहर आता है ...कुछ कुत्ते तो अपने आप ही बेलगाड़ी के नीचे से निकल आते हैं लेकिन कुछ को पत्थर मार कर बाहर निकालना होता है ...क्यों की कुत्ते की हरकते कई बार गाड़ी खीचने वाले बेलों का बिदका देती है...मराठी अस्मिता की गाड़ी खीचने वाले बेल बिदके उससे पहले किसी न किसी को पत्थर उठाना ही होगा ...नहीं तो राजमार्ग पर दौड़ने वाली ये गाड़ी ऐसे गड्ढे में गिरेगी जहां से उसे निकाल पाना मुश्किल होगा...
शैलेंद्र सिंह राजपूत

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